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Showing posts from February, 2022

With the New Education policy 2020, NATION is ready to dream.

In the Union Budget 2021, all the announcements have been made by Finance Minister Smt. Nirmala Sitaraman to take effective steps to bring the new education policy on the ground, is being done.  After 34 years, with the aim of renewal, modernization and self-reliant India, the country's new national education policy has been prepared, and with this, extensive discussions have started regarding the aspirations and expectations on the new education policy.  The draft of the new education policy has been prepared under the chairmanship of Dr. K. Kasturirangan, former ISRO chief.  The National Education Policy (NEP) 2020 has been implemented after getting approval by the Union Cabinet headed by Prime Minister Narendra Modi and with its implementation, India's education system also has an important series of changes in line with the ambitious goals of the 21st century.  has also started.  In this policy, emphasis has been laid on bringing a change in the entire system by

नई शिक्षा नीति के साथ देश सतरंगी सपने देखने को तैयार -

नई शिक्षा नीति के साथ देश सतरंगी सपने देखने को तैयार - आम बजट 2021 में नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने को लेकर वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा प्रभावी कदम उठाते हुए तमाम घोषणाएं की गई है इसी के साथ नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाए जाने के लिए व्यापक स्तर पर जनांदोलन चलाये जाने की आवश्यकता भी महसूस की जाने लगी है । 34 सालों बाद नवीनीकरण ,आधुनिकीकरण एवं आत्मनिर्भर भारत को लक्ष्य बनाकर देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार हो गई है और इसी के साथ नई शिक्षा नीति पर आकांक्षाओं और उम्मीदों को लेकर व्यापक विचार-विमर्श भी प्रारंभ हो गया है ।    नई शिक्षा नीति का मसौदा इसरो प्रमुख रह चुके “डॉ० के० कस्तूरीरंगन” की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी मिलने पर इसे लागू कर दिया गया है एवम इसके लागू होने के साथ ही भारत की शिक्षा प्रणाली में भी 21वीं शताब्दी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप बदलावों का अहम सिलसिला भी शुरू हो गया है। इस नीति में तथाकथित पठन-पाठन की पुरानी चली आ

शतप्रतिशत मतदान

शत प्रतिशत मतदान- प्रत्येक वर्ष चुनाव में जनता द्वारा शत प्रतिशत मतदान प्रक्रिया  में प्रतिभाग न किया जाना न सिर्फ असंतोषजनक है बल्कि जनता का सरकार में प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित नहीं करता। उपरोक्त के दृष्टिगत सरकार एवं विशेष रूप से  निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि किसी भी प्रकार प्रयास करके शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चित किया जाय।  इसके लिए एक सुझाव यह है कि जिस प्रकार कोविड वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र विभिन्न क्षेत्रों में धीरे धीरे अनिवार्य किया जा रहा है उसी प्रकार प्रत्येक मतदाता को  क्रमशः लोक सभा , विधानसभा एवं पंचायती चुनाव का प्रमाण पत्र निर्गत कर उन्हें केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाए । इससे एक ओर जनता में लोकतंत्र का  महत्त्व विकसित होगा एवं जो व्यक्ति लोकतंत्र में आस्था नही रखते हैं उन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत  प्राप्त होने वाले लाभ  का अधिकार भी नहीं होना चाहिए ।